अहमदाबाद में हुए सीरियम बम ब्लास्ट मामले में विशेष कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. 2008 में हुए इस कांड को लेकर (Special Court) ने 49 में से 38 दोषियों को मौत की सजा (Death Sentence) सुनाई है.इसके अलावा अदालत ने 11 अन्य दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. अदालत ने इन लोगों को पहले ही दोषी करार दे दिया था और आज कोर्ट ने सजा का ऐलान किया है.
8 फरवरी को सुनवाई के दौरान सिटी सिविल कोर्ट ने यूएपीए के तहत आरोपित 78 लोगों में से 49 को दोषी ठहराया। दोषियों में से एक अयाज सैयद को जांच में मदद करने के लिए बरी कर दिया गया। इसके अलावा 29 लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है। कोर्ट ने विस्फोटों में मारे गए लोगों के परिजनों को एक लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को पचास हजार रुपये और नाबालिग घायलों को पच्चीस हजार रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है।
2008 Ahmedabad serial bomb blast case
साल 2008 में इन धमाकों की गूंज से पूरा देश हिल गया था. इस सीरियल ब्लास्ट मामले में 2 फरवरी को फैसला सुनाया जाना था, लेकिन 30 जनवरी को ही स्पेशल कोर्ट के जज एआर पटले कोरोना संक्रमित हो गए और इस मामले पर फैसला 8 फरवरी तक टल गया. अहमदाबाद के इस केस में साल 2008 में सिलसिलेवार कुल 21 ब्लास्ट हुए थे. देश का दिल दहला देने वाली ये सबसे बड़ी घटना थी, जिसने सबको हिलाकर रख दिया था.
देश में इतने कम समय में इतने धमाके पहले कभी नहीं हुए थे. एक घंटे के अंदर अहमदाबाद में एक दो नहीं बल्कि पूरे 21 धमाके हुए. इस मामले में अहमदाबाद पुलिस ने 20 प्राथमिकी दर्ज की थी, जबकि सूरत में 15 अन्य प्राथमिकी दर्ज की गईं. अदालत की ओर से सभी 35 प्राथमिकी को मर्ज करने के बाद मुकदमा चलाया गया. दरअसल पुलिस ने अपनी जांच में इस बात का दावा किया था कि सभी एक ही साजिश का हिस्सा थे. ऐसे में सभी प्राथमिकी को मिलाकर केस की सुनवाई शुरू की गई.