स्वर सम्राग्यी Lata Mangeshkar को उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर (Hridaynath Mangeshkar) ने रविवार शाम को शिवाजी पार्क में स्वर कोकिला को मुखाग्नि दी और इसी के साथ वे पंचत्तव में विलीन (Lata Mangeshkar death )हो गईं. लता दीदी अपने भाई-बहनों से कितना प्यार करती थीं ये तो किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने 13 साल की उम्र से ही अपने भाई-बहनों का ख्याल रखना शुरू कर दिया था। लेकिन लता जी अपने छोटे भाई हृदयनाथ मंगेशकर के बहुत करीब थीं। लता हृदयनाथ से उम्र में 8 साल बड़ी थीं।
दीदी को अंतिम विदाई
लता जी के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने जब अपनी बड़ी दीदी को अंतिम विदाई( Lata Mangeshkar death )दी तो उनके चेहरे पर मायूसी और आंखों से आंसू नहीं रूक रहे थे। हृदयनाथ आशा भोसले से भी 4 साल छोटे हैं। आइए जानें कौन हैं लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ?
इंडस्ट्री के बालासाहेब
म्यूजिक और फिल्म इंडस्ट्री में वे बालासाहेब के नाम से जाने जाते हैं. हृदयनाथ ने भी अपनी बड़ी बहनें लता और आशा के नक्शेकदम पर चलते हुए संगीत में करियर बनाया. हृदयनाथ पेशे से एक म्यूजिक डायरेक्टर हैं. लता और आशा के अलावा उनकी दो और बड़ी बहन हैं, जिनका नाम उषा मंगेशकर और मीना खादिकर है.
मराठी फिल्म से शुरू किया करियर
हृदयनाथ ने साल 1955 में मराठी फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने हिंदी भाषा की फिल्मों में कम ही काम किया, मगर मराठी सिनेमा में वे काफी सक्रिय रहे. हृदयनाथ को संगीत में उनके शानदार योगदान के लिए काफी सराहाना मिली. उन्हें साल 1990 में ‘लेकिन’ के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था.इसके अलावा भारत सरकार द्वारा उन्हें साल 2009 में पद्मश्री से नवाजा गया.
काफी सेलेक्टिव रही पसंद
हृदयनाथ अपने काम को लेकर काफी सेलेक्टिव रहे हैं। उन्होंने मराठी और हिंदी में वही गाने तैयार किए हैं, जो उन्हें अच्छे लगे हैं। विनायक दामोदर सावरकर की कविता सागर प्राण तलामला की उनकी रचना का उदाहरण है। उनका 1982 का एलबम ज्ञानेश्वर मौली काफी चर्चाओं में रहा।
उस्ताद आमिर खान से ली शिक्षा
हृदयनाथ उस्ताद आमिर खान के छात्र भी रह चुके हैं। उन्होंने दूरदर्शन के संगीत नाटक फूलवंती के लिए भी संगीत दिया है। उन्होंने लोकगीतों की रचना भी की है। फिल्म जैत रे जैत के लिए उनका संगीत उनके कला की सबसे बेहतरीन उदाहरण है। उनकी सबसे लोकप्रिय रचनाओं में से एक मराठी फिल्म निवडुंग की रचना है।
लता दीदी थीं मेंटोर
फिल्मफेयर से बात करते हुए इक्का-दुक्का संगीत निर्देशक हृदयनाथ मंगेशकर ने कहा था कि वह लता दीदी को अपना मेंटोर मानते हैं। हृदयनाथ मंगेशकर ने कहा था कि उन्होंने अपने गुरुओं से संगीत सीखा लेकिन स्वाभिमान की रक्षा कैसे करें, अभिमान और अहंकार को कैसे मारें, यह सब उन्होंने अपनी बहन से सीखा है।
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