नागौर की गैंगरेप (Nagaur Gang Rape )पीड़िता की जयपुर के अस्पताल में मौत हो गई है। उसके साथ आरोपी दरिंदों ने बर्बरता की थी। उसके प्राइवेट पार्ट और शरीर पर गहरे जख्म थे। पीड़िता की मौत के बाद पुलिस के रवैये पर लोगों का गुस्सा भड़क गया। नागौर के डीडवाना से लेकर जयपुर तक लोग धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों ने गैंगरेप (Nagaur Gang Rape )मामले में सीएम गहलोत के नाम ज्ञापन देकर आरोपियों की गिरफ्तारी, सीबीआई जांच, जांच अधिकारी (IO) हटाने, थाना स्टाफ को लाइन हाजिर करने, 50 लाख का मुआवजा,सरकारी नौकरी के लिखित आदेश, पीड़िता की मोबाईल कॉल डिटेल निकालने और लापरवाह पुलिस अधिकारी को आरोपी बनाने सहित पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है।
इन मांगों के नहीं मानने तक परिजनों व प्रदर्शनकारियों ने शव लेने से इंकार कर दिया है। पीड़िता की बॉडी जयपुर एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में रखी है। शुक्रवार को डीडवाना में प्रदर्शनकारी विरोध करते हुए पुलिस को पीछे धकेल जबरदस्ती SDM कोर्ट में घुस गए थे। इधर प्रदेश भाजपा ने भी इस पूरे मामले को लेकर तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है। कमेटी में शामिल किसान मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष हरिराम रणवां, विधायक अभिनेष महर्षि और गोवर्धन वर्मा पीड़ित परिवार से मुलाकात कर पूरे प्रकरण से जुड़े तथ्यों की जांच के बाद प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को रिपोर्ट सौंपेंगे। कमेटी के सदस्यों ने नागौर पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की है
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी मामले में ट्वीट करके कहा कि महिला की गुमशुदगी दर्ज होने के बाद से लेकर अब तक पूरे मामले में पुलिस का जो रवैया सामने आया उससे यह जाहिर हो रहा है कि पुलिस ने मामला संज्ञान में आते ही संवेदनशीलता नहीं दिखाई। चूंकि महिला के लापता होते ही पूरा प्रकरण डीडवाना ASP के संज्ञान में आ गया था। उसके बावजूद इतनी बड़ी लापरवाही बरती गई। उन्होंने पूरे मामले को लेकर DG एम एल लाठर से फोन पर बात करके घटना में संलिप्त सभी आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी करने व उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच करने के लिए कहा।