राज्य का बजट कितना प्रभावशाली है इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि बजट के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बधाई देने वालों का हर रोज़ उनके निवास पर तांता लगा रहता है। प्रदेश की जनता की हर हाल में देखभाल (Social Security) और उनके प्रति अनपे दायित्व को ज़िम्मेदारी पूर्वक निभाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी सतत प्रयत्नशील दिखाई देते हैं। बजट भाषण को पढ़ते हुए उन्होंने बाबा आमटे के इस कथन को दोहराया था कि मैं एक महान नेता नहीं बनना चाहता हूं। मैं एक आदमी बनना चाहता हूं जो थोड़े से भी संतुष्ट हो और लोगों के टूटने पर उनकी सहायता भी करे। खास बात यह है कि उन्होंने इस कथन को सिर्फ दोहराया नहीं बल्कि इसे जीवंत करने का भी काम किया है। और इसी के तहत प्रदेश के इस विकासोन्मुखी बजट में जनता की सामाजिक सुरक्षा (Social Security) के मद्देनज़र लिए भी कई अहम घोषणाएं की हैं।
मुख्यमंत्री पुनर्वास गृह योजना
देश में सोशल सिक्योरिटी को कानून बनाने के मुद्दे को उठा चुके अशोक गहलोत ने अपने प्रदेश में बेसहारा और बेखर लोगों के लिए मुख्यमंत्री पुनर्वास गृह योजना शुरू करने की घोषणा की है। इस योजना के तहत सरकार राज्य के बेसहारा, बेघर, वृद्ध, कामकाजी महिलाओं, असहायों को अपना घर संस्थान की तर्ज पर आसरा देगी। इसके लिए हर जिले में ज़रूरत के हिसाब से पुनर्वास गृह बनाए जाएंगे। योजना के पहले चरण में आने वाले साल के लिए 75-75 बैड के 45 पुनर्वास गृहों को बनाने का काम शुरू होगा। जिसके लिए सरकार 90 करोड़ रुपए जारी करेगी।
देश में सोशल सिक्योरिटी को कानून बनाने के मुद्दे को उठा चुके अशोक गहलोत ने अपने प्रदेश में बेसहारा और बेखर लोगों के लिए मुख्यमंत्री पुनर्वास गृह योजना शुरू करने की घोषणा की है। इस योजना के तहत सरकार राज्य के बेसहारा, बेघर, वृद्ध, कामकाजी महिलाओं, असहायों को अपना घर संस्थान की तर्ज पर आसरा देगी। इसके लिए हर जिले में ज़रूरत के हिसाब से पुनर्वास गृह बनाए जाएंगे। योजना के पहले चरण में आने वाले साल के लिए 75-75 बैड के 45 पुनर्वास गृहों को बनाने का काम शुरू होगा। जिसके लिए सरकार 90 करोड़ रुपए जारी करेगी।
पुनर्वास नीति लाने की घोषणा
मुख्यमंत्री ने पिछले बजट में प्रदेश के असहाय और निराश्रितों के लिए बेघर उत्थान और पुनर्वास नीति लाने की घोषणा की थी। जिसके तहत भी 50 करोड़ की राशि से बेघर लोगों के लिए विभिन्न सरोकारी कार्य किराए जाएंगे। ग्रामीण और शहरी इलाकों के बेघर लोगों का सर्वे कराकर उन्हें जन आधार कार्ड उपलब्ध कराना, उनका रोजगार सुनिश्चित करना जैसे कार्य इस नीति के तहत सरकार करने जा रही है। इसके अतिरिक्त इस बजट में मुख्यमंत्री ने जरूरतमंदों को भोजन कराने के लिए शुरू की गई इंदिरा रसोई योजना को भी विस्तार दिया है। अब इस योजना के तहत प्रदेशभर में 1 हज़ार रसोइयों का संचालन किया जाएगा और गरीबी में जीवन यापन करने वाले लोगों को गुणवत्ता युक्त आहार मिल सकेगा।